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मुंडन आंदोलन कर समाजसेवियों ने जताया प्रशासन का विरोध



गडचिरोली:
अहेरी, मुलचेरा और भामरागढ़ तहसील में मनरेगा के तहत किये गये कार्यों की जांच में प्रशासकीय अधिकारी दोषी पाये जाने के बाद भी संबंधितों पर अब तक किसी तरह की कार्रवाई नहीं किये जाने से गत 27 मार्च से शुरू समाजसेवियों का बेमियादी अनशन मंगलवार को लगातार सोलहवें दिन भी जारी रहा। इस बीच मंगलवार को अनशनकर्ताओं ने जिला परिषद कार्यालय के समक्ष मुंडन आंदोलन कर प्रशासन का निषेध व्यक्त किया। आंदोलनकर्ता योगाजी कुडवे ने बताया कि, सरकार ने मनरेगा के तहत मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इन कार्यों के माध्यम से गांव स्तर पर विकास कार्य भी प्रस्तावित किये गये है। लेकिन पंचायत समिति के अधिनस्थ अधिकारियों ने अहेरी, मुलचेरा और भामरागढ़ तहसील के कार्यों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया। इस मामले की शिकायत करने के बाद जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कुमार आशीर्वाद ने 6 सदस्यीय जांच समिति का गठन किया। जांच में संबंधित तीनों तहसील के अधिकारी दोषी पाये गये। लेकिन एक माह की कालावधि बीत जाने के बाद भी इस मामले में अब तक दोषियों पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गयी। इसी कारण योगाजी कुडवे समेत अन्य समाजसेवियों ने गत 27 मार्च से जिला परिषद कार्यालय के समक्ष बेमियादी अनशन आरंभ किया है। मंगलवार को आंदोलनकर्ताओं ने मुंडन आंदोलन करते हुए प्रशासन का निषेध व्यक्त किया। आंदोलन में योगाजी कुडवे, धनंजय डोईजड, विकास रायसिडाम, अरूण कुनघाडकर, अरविंद भुसारी, निलकंठ संदोकर, रवींद्र सेलोटे, चंद्रशेखर सिडाम, विलास भानारकर आदि उपस्थित थे।

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